The 5-Second Trick For bhairav kavach

Wiki Article



जले तत्पुरुषः पातु स्थले पातु गुरुः सदा



अनुष्टुप् छन्दः । श्रीबटुकभैरवो देवता ।

चतुवर्गप्रदं नित्यं स्वयं देवप्रकाशितम् । (

ॐ अस्य श्रीबटुकभैरवब्रह्मकवचस्य भैरव ऋषिः ।

ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः ।

भुर्जे रंभात्वचि वापि लिखित्वा विधिवत्प्भो। ।

महाकालमहम् वन्दे सर्वसिद्धिप्रदायकम् ।

॥ ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीम् ॥

ಆಗ್ನೇಯ್ಯಾಂ ಚ ರುರುಃ ಪಾತು ದಕ್ಷಿಣೇ ಚಂಡಭೈರವಃ

इसका जप कवच से पहले और बाद में ११ या २१ बार करें ॥

महाकालाय सम्प्रोच्य कूर्चं दत्वा च ठद्वयम् ।

click here आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो आपको अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करके जाना चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता मिलती है।

Report this wiki page